अटल भूजल योजना से भूजल भंडार को बढ़ने की योजना की शुरुआत

नई दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अटल भूजल योजना का शुभारंभ किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि अटल जल योजना या जल जीवन मिशन से संबंधित दिशानिर्देश, 2024 तक देश के हर घर में पानी पहुंचाने के संकल्प को साबित करने के लिए बड़ा कदम है।

उन्होंने कहा कि एक परिवार के रूप में, एक नागरिक के रूप में और एक देश के रूप में जल संकट हमारे लिए चिंताजनक है, यह देश के विकास को प्रभावित करता है। जल संकट की हर स्थिति से निपटने के लिए न्यू इंडिया को हमें तैयार करना होगा। इसके लिए हम पांच स्तरों पर एक साथ काम कर रहे हैं।

अटल भूजल योजना के लिए राशि

अटल भूजल योजना को 12 दिसंबर 2019 को वर्ल्ड बैंक की ओर से मंजूरी मिली है। 6,000 करोड़ रुपये की लागत वाली इस परियोजना में 50 फीसदी हिस्सेदारी भारत सरकार की होगी, जबकि आधा हिस्सा वर्ल्ड बैंक की ओर से खर्च किया जाएगा। ये भी पढ़े : नि:शुल्क कंप्यूटर सर्टिफिकेट कोर्स के साथ रहना और खाना फ्री बिहार

इस योजना का लक्ष्य देश के उन इलाकों में भूजल के स्तर को ऊपर उठाने का है जिन इलाकों में भूजल का स्तर काफी नीचे चला गया है. योजना का उद्देश्य भूजल की मात्रा में इजाफा करना है. साथ ही किसानों को फायदा पहुंचाने के उद्देश्य से भी ये योजना केंद्र सरकार की ओर से लाई गई है.

जल प्रबंधन में बेहतर प्रदर्शन करने के लिए ग्राम पंचायतों को प्रोत्साहित करने के लिए, प्रधान मंत्री ने कहा कि अटल जल योजना में एक प्रावधान किया गया है, जिसमें बेहतर प्रदर्शन करने वाली ग्राम पंचायतों को अधिक आवंटन दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि 70 वर्षों में, 18 करोड़ ग्रामीण परिवारों में से केवल 3 करोड़ लोगों के पास पाइप जलापूर्ति है। अब हमारी सरकार ने अगले पांच वर्षों में पाइप के माध्यम से 15 करोड़ घरों में स्वच्छ पेयजल पहुंचाने का लक्ष्य रखा है।

अटल भूजल योजना की शुरुआत

अटल भूजल योजना स्कीम को जल संकट से प्रभावित उत्तर प्रदेश, गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, राजस्थान और महाराष्ट्र में लागू किया जाएगा। क्योकि इन राज्यों में भूजल की कमी, प्रदूषण और अन्य मानकों को ध्यान में रखते हुए किया गया है। सरकार के मुताबिक इस योजना से 8350 गांवों को लाभ मिलेगा. वाटर यूजर असोसिएशन, मॉनिटरिंग और भूजल की निकासी के डेटा संकलन की मदद से इस स्कीम को आगे बढ़ाया जाएगा। ये भी पढ़े : नया राशन कार्ड बिहार में कैसे बनाये या राशन कार्ड में नया नाम कैसे जोड़े?

प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि पानी से संबंधित योजनाएं हर गांव के स्तर पर स्थिति के अनुसार बनाई जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन के दिशा निर्देशों को बनाते हुए इस पर ध्यान दिया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र और राज्य दोनों सरकारें अगले 5 वर्षों में पानी से संबंधित योजनाओं पर 3.5 लाख करोड़ रुपये खर्च करेंगी। उन्होंने प्रत्येक गांव के लोगों से जल कार्य योजना बनाने और जल निधि बनाने का अनुरोध किया। किसानों को पानी का बजट बनाना चाहिए जहां भूजल बहुत कम है।

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